लेखनी प्रतियोगिता - हमारे हालात
हमारे हालात
माना कि कुछ खास नहीं लिखते है,
शब्दों में ढले हुए अपने अहसास लिखते हैं,
समझना या ना समझना
तुम्हारा मन की बात है,
हम तो बस,
अपने अंदर सिमटे जज़्बात लिखते हैं,
कलम के सहारे ही,
कहते हैं अरमान हमारे,
परिस्थितियों में बदलते ,
हम, अपने हालात लिखते हैं।।
प्रियंका वर्मा
6/1/23
Rajeev kumar jha
07-Jan-2023 08:11 PM
Nice
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Sachin dev
07-Jan-2023 02:29 PM
Wonderful 👍
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Reena yadav
06-Jan-2023 09:21 PM
Nice
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